सुस्वागतम् !!! BPRASADSAHU ब्लॉगस् में आपका हार्दिक अभिनन्दन करते हैं। यह ब्लॉग निजी उपयोग हेतु बनाया गया है, कृपया त्रुटि पूर्ण लेख पर ध्यान न दें। धन्यवाद् !!! वेद प्रसाद साहू बाराडोली सराईपाली (महासमुंद छ.ग.) 493558. Ph:+91 94252 90608.

2014 Ayushman Bhavah

आयुष्मान भव: ! छत्तीसगढ बेरोजगार 2014

बेरोज़गारों में संजीवनी रूपी प्राण मंत्र !  

राज्य सरकार द्वारा रोजगार का पिटारा खोल दिया गया है । बेरोजगारों के लिए एक सुनहरा अवसर ! राज्य सरकार द्वारा  छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को 2014 में 5 वर्ष कि छूट दिया गया है।  छूट दिसम्बर 2014 तक के लिए लागु है। 2014, उन बेरोजगारों के लिए सुनहरा अवसर होगा? जिनकी अधिकतम उम्र सीमा खत्म या खत्म होने वाली है। क्या उन बेरोजगारों को प्राथमिकता मिलेगी? जिससे बेरोजगारों को 2014 सुनहरा अवसर साबित होगा।  अगर हाँ तो मृत पड़े बेरोज़गार में संजीवनी का काम करेगी। और हाँ प्राथमिकता मिलनी भी चाहिए नहीं तो 5 वर्ष का छूट से उन बेरोज़गारों का क्या वास्ता।  भर्ती नियमों का बदलाव, भर्तीयों पर रोक,  विभागीय रुकावट, फर्जीवाड़ा के चलते रोक, इन सब के बिच बेरोज़गार हमेशा पिसता है। और उम्र धीरे-धीरे ऐसे निकलता है , कि उसे पता नहीं चलता कि कब उसका उम्र सीमा से पार हो गया है।  क्या? भर्ती नियमों के बोझ से आज़ाद होंगे । पंचायत में हो रहे शिक्षकों कि सोचें, तो क्या उन बेरोजगारों के प्रति अन्याय नहीं हो रहा है। जिनके पास योग्यता होने के बावजूद 20 साल पुरानी शिक्षा प्रणाली को प्राथमिकता नहीं दिया जा रहा है। नए शिक्षा प्रणाली के साथ समानता कर बेरोजगारों के लिए नियमों का पहाड़ उनके समक्ष रख दिया जाता है। कभी प्रतिशत, कभी परीक्षा, डी.एड-बी.एड., तो कभी टी.ई.टी. का, फिर भी नियम पूरा नहीं होता । मगर अधिकतम उम्र को प्राथमिकता का नियम क्यों नहीं बनाया जाता ? इन सब के बिच उन बेरोजगारों का क्या ? जिनकी अधिकतम उम्र सीमा खत्म या खत्म होने वाली है । बेरोजगारों को हमेशा भर्ती के नाम पर मायूस होना पड़ रहा है, पुराने शिक्षा प्रणाली एवं अधिकतम उम्र को प्राथमिकता क्यों नहीं दिया जाता ? राज्य सरकार को उन सब बेरोजगारों के बारे में सोचना चाहिए । ऐसे बेरोजगारों को जो अपनी अधिकतम उम्र सीमा पार कर रहें हैं, राज्य सरकार बेरोजगारों को नौकरी प्रदान करे। कहा जाता है राज्य में भारी मात्रा में शिक्षकों कि कमी है, तो टी.ई.टी. में पास हुए सभी बेरोजगारों को शिक्षक में निःसंकोच भर्ती क्यों नहीं करते, ताकि भविष्य में कोई बेरोजगार अधिकतम उम्र सीमा का मारा न हो । पिछले कई सालों तक कई बिभागो पर रोक होने से बेरोजगार नौकरी से बंचित रहे, कइयों का अधिकतम उम्र सीमा खत्म हो गई, कई का खत्म होने वाला है । बची खुची उम्र इन भर्तियों के नियम ले गयी. बेरोजगारी कि मार खाया व्यक्ति गलत राह पर अग्रसर होता है, और असामाजिक तत्वो का शिकार होता है, इसमें संदेह नहीं कि उन बेरोजगारों को नौकरी पाना आज के युग में कोई आसान काम नहीं है । राज्य में शिक्षकों कि भर्ती कई टुकड़ों में होने से बेरोजगारों में आर्थिक परेशानी के साथ-साथ मानसिक परेशानी से जूझना पड़ रहा है। अतः राज्य सरकार को इन बेरोजगारों के बारे में विशेष ध्यान देना चाहिए । पुरानी शिक्षा प्रणाली एवं अधिकतम उम्र को प्राथमिकता देने पर बेरोजगारों को 2014 को भर्तीयों में पूर्ण सु-अवसर मिलेगा।
  • Cursor razz

    Blogger Tricks
  • Cursor Design

    Watermelon
  • Twiter Bird

    Blogger Widgets
  • Link Blink